Monday, January 24, 2011

स्वानंद बाबा आश्रम पर तिल - गुड़ , खिचड़ी और मेल -मिलाप मकर संक्रांति महोत्सव पर |

ठाणे के यूर स्थित परम पूजनीय स्वानंद बाबा आश्रम में इस वर्ष भी मकर संक्रांति पर अजोजित मोहत्सव में श्रद्धालु जन स्वानंद बाबा समाधि दर्शन के पश्चात अटपटेश्वर महादेव और हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर धन्य हुए | उसके बाद आश्रम पर आयोजित पारंपरिक आयोजन में तीन तरह के स्वाद की किचड़ी का स्वाद लिया|वहीं महारास्ट्र की संस्कृति का प्रतिक वाडा-पाव और गन्ने का रस पीकर लोग तृप्त हुए | सुपरस्टार , नेता , अभिनेता , पत्रकार सभी ने एक स्वर में स्वीकार किया की स्वानंद बाबा आश्रम पर आयोजित ऐसे कार्यक्रम हिन्दुओं की धर्मध्वजा हिंदुस्थानी परंपरा के संवाहक है |

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Super Star Manoj Tiwari at Swanand Baba Ashram







Friday, September 10, 2010

Bhramleen Swanand baba (ब्रम्हलीन परमपूज्य स्वानंद बाबा)

ठाणे (पशचिम) में येऊर पहाडी पर स्थित है, ब्रह्मलीन परम पूज्य स्वानंद बाबा का आश्रम, सनातन धर्म अवं परंपरा का एके जीवंत उदाहरण
जहाँ है परम पूज्य स्वानंद बाबा की समाधि के साथ बाबा व्दारा ही स्थापित और निर्मित 'अत्प्तेश्वर महादेव मंदिर' अवं 'हनुमान जी का मंदिर'
माँ गायत्री के परम आराधक स्वानंद बाबा की इच्छानुसार माँ गायत्री का मंदिर निर्मादाधीन है
इस तरह जहाँ बाबा के दूर दूर तक फैले असंख्य और अनन्य भक्त बाबा का आशीर्वाद व् उनकी कृपा पाने के लिए 'समाधी दर्शन' करने आते है
वहीं उन्हें आडम्बर विहीन विशुद्ध सनातन संस्कृति के संपर्क में आने का सुअवसर भी प्राप्त होता हाय परम पूजनीय स्वानंद बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के जोनपुर जिले के सिंगरामऊ के पास स्थित भूला नामक गांव में सन १९१८ (तिथि - प्रदोष संवत - १९७५ ) में हुआ
आप का पारिवारिक नाम राजनारायण मिश्र था
अपने गृहस्थ उत्तरदायित्वों को पूर्णकर १९६३ में आप परिवार को त्यागकर परमसत्य की खोज पे देशाटन पे निकले
८० के दशक में साधनारत हुए
आपने नासिक में अजगर बाबा की समाधी को अपना बसेरा बनाया यहीं आपकी कुंडलिनी जाग्रत हुई और आपने प. पू. गीतानंद स्स्वतीजी से मित्रवत गुरुदीक्षा ली
गुरु आज्ञा प्राप्त कर आपने घोर तपस्या के लिए ठाणे के जव्हार तालुका के पास घनघोर वन को चुना
बाद में १९८७ में ठाणे पशचिम स्थित येऊर पहाड़ी पर आए
यहाँ पे आपने अपनी पर्णकुटी तैयार की
यहाँ बाबा द्वारा कई चमत्कार हुए, लेकिन बाबा इसकी चर्चा से भी बचते थे
आपने शिष्य बनाकर विधिवत दीक्षा देने की क्रपा की, मुंबई के प्रेम शुक्ल पर
ठाणे - चंदनवाड़ी निवासी पं. दुर्गा प्रसाद पाठक व् परिवार, विशेषकर उनकी दिव्तीय पुत्री श्रीमती शांति प्रेम शुक्ला से आपने सेवा लेने की कृपा की
१७ फरवरी २००४ (महाशिवरात्रि संवत २०६० ) को बाबा समाधिस्थ हुए
आपके अपनी भोतिक इहलीला के अंतिम चरण में श्री प्रेम शुक्ल अवं उनके सहयोगियों से 'अटपटेश्वर महादेव मंदिर ' और 'बजरंगबली मंदिर' का निर्माण कराया
निर्माणाधीन माँ गायत्री के मंदिर का भूमिपूजन संवत २०६१ के चैत्र नवरात्रि में संपन हुआ |


Bhramleen Swanand baba
Bhramleen Swanand baba
swanand babaBhramleen Swanand baba

Bhramleen Swanand babaBhramleen Swanand baba

Friday, August 20, 2010

Param Pujya Swanand Baba Arti (प. पू. स्वानंद बाबा की आरती |)

रती श्री स्वानन्द नाम की कीरति कलित ललित ललाम की जन मन मुद्रित विदित जग पावन कोटि-कोटि कलि कलुष नसावन महिमा अमित अपार धाम की ।। आरति   पूजा भक्ति शक्ति नहिं मोरे सब सिध्दि मिलइ अनुग्रह तोरे मिटहि सकल कामना काम की ।। आरति
जग-मग ज्योति सकल गुन आगर गावत गुन उतरहिं भव सागर बसहि सदा उर सुरति श्याम की ।। आरति
श्री स्वानन्द आरती गावइ शुक्ल जटाशंकर सुख पावइ प्रेम प्रगति बाबाभिराम की ।। आरति